THE BASIC PRINCIPLES OF वशीकरण मंत्र किसे चाहिए

The Basic Principles Of वशीकरण मंत्र किसे चाहिए

The Basic Principles Of वशीकरण मंत्र किसे चाहिए

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कामदेव जिन्हें मोहन साधना के देव माना जाता है इनकी साधना के दौरान ध्यान हो तो साधना में सहायता मिलती है.

लौंग, लौंगा, लौंगा! बैर एक लौंग मेरी आती-पाती

महा मोहिनी वशीकरण टोटका उन उपाय में से एक है जिनमे हम कामदेव की साधना करते है.

बांध इन्द्र की बांध तारा, बांधू बिद लोही की धारा, उठे इन्द्र न बोले बाव, सूक साख पूंजी हो जाय, बन ऊपर लोकी कड़े हीय लपर लो सूत में, तो बंधन बांधयो सास-ससुर जाया पूत, मन बांधू मंवन्त बांधू विद्या दे साथ, चार खूंट लों फिर आब अमुकी अमुक के साथ रहे गुरु गुरो स्वाहा।

कुछ लोगों को वशीकरण मंत्र का उपयोग करके अच्छे परिणाम मिलते हैं, जबकि दूसरे लोगों को इसका कोई प्रभाव नहीं दिखता है। इसलिए, यह अहम है कि आप वशीकरण मंत्र का सही ढंग से उपयोग करें और अनुभवी व्यक्ति की मदद लें, यदि आवश्यक होवशीकरण मंत्र का खतरा

बिजनेस में सफलता और नए अवसर प्राप्त करने के लिए।

(अमुक अमुका मतलब स्त्री या पुरुष का नाम)

ध्यान दे : मोहन तिलक के प्रभाव का समय काल बहुत कम होता है जिसकी वजह से आप इसे ज्यादा समय तक नहीं कर सकते है.

इस तिलक के प्रभाव से सामने वाला जब तक आपके सामने है तब तक वो आपके आकर्षण में रहता है.

तिलक मोहन मंत्र का प्रयोग सर्वजन मोहन में होता है. आपने देखा होगा कुछ लोग बाहरी कार्य को सिद्ध करने के लिए इसका प्रयोग करते है.

यहां एक छोटा सा जलाशय भी है जिसके कारण यह स्थान हमेशा website नम रहता है। इस जल स्तोत्र का जल भी विशेष गुणों से भरपूर है। इसके सेवन से कई बीमारियाँ दूर हो जाती हैं। यहां हर साल अंबुबाची नामक मेला लगता है। इस समय देवी कामाख्या की उपस्थिति के कारण ब्रह्मपुत्र का जल रक्तिम हो जाता है।

ॐ नमो प‌द्मिनी अंजन मेरा नाम इस नगरी में जाय मोहूं। सर्वग्राम मोहूं राज करंता रामो हूं। फर्श में बैठाय मोहूं पनिघट पनिहारिनी मोहूं। इस नगरी के छत्तीस पवनिया मोहूं। जो कोई मार मार करतं आवे उसे नरसिंह वीरणामपद अंगूठा तर धरे और घेर लावे। मेरी भक्ति गुरु की शक्ति फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा।

ग्रहण समाप्त होने पर उन चारों लौंग को निकालकर ताबीज में भर लें। जब इस प्रयोग की आवश्यकता हो, तो चार लौंग को मंत्र से सात बार अभिमंत्रित करें और ताबीज से स्पर्श कराएं। इसके बाद, जिसे भी यह लौंग खिलाई जाएगी, वह व्यक्ति साधक के प्रभाव में आ जाएगा।

कामाख्याये वरदे देवी नीलपर्वतावासिनी

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